कहां-कहां जरूरी है नॉमिनी? कौन हो सकता
है नॉमिनी?
नॉमिनी के नियम,
#1
क्यों जरूरी है नॉमिनी? जानें इसे बनाने के नियम और अधिकार
नॉमिनी के बारे में लोगों में कई तरह की गलतफहमियां हैं. हम नॉमिनी से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैंक में सेविंग्स अकाउंट खोलते समय, म्यूचुअल फंड (mutual funds) में इन्वेस्ट करते समय, बीमा पॉलिसी लेते समय या कोई प्रॉपर्टी या शेयर खरीदते समय नॉमिनी (Nominee) नियुक्त करना होता है.
नॉमिनी सिर्फ पैसे या संपत्ति का केयरटेकर यानी देखभाल करने वाला होता. वह आपके पैसों का हकदार नहीं होता.
नॉमिनी को आपके बाद आपके लीगल वारिस को पैसे सौंपना जरूरी होता है. नॉमिनी और लीगल वारिस एक भी हो सकते हैं.
#2
कौन हो सकता है नॉमिनी?
आप अपना नॉमनी अपने जीवन साथी (पति/पत्नी) अपने बच्चे, आपके माता-पिता, परिवार का कोई और सदस्य या फिर अपने किसी खास मित्र को बना सकते हैं.
नॉमिनी क्यों जरूरी?
संपत्ति के मालिक की मृत्यु के बाद नॉमिनी का असली रोल होता है. नॉमिनी न होने की स्थिति में पैसे मिलना मुश्किल होता है. नॉमिनी न होने पर पैसे लंबे समय तक अटके रह सकते हैं. उन्हें हासिल करने में कानूनी दांवपेच में लंबा समय निकल जाता है. लेकिन नॉमिनी के रहने पर प्रक्रिया आसान हो जाती है.
--------------------------------------------------------------------
READ MORE------
👉👉CrPC 482 के तहत शक्ति आपराधिक कार्यवाही को समाप्त करने के लिए इस्तेमाल हो सकती है जो मंजूरी,तुच्छ मामलों या अदालत की प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए पहली नजर में बुरी है : सुप्रीम कोर्ट
👉👉पिता की संपत्ति में आपका अधिकार //हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956
----------------------------------------------------------------------------------
कहां-कहां जरूरी है नॉमनी?
इंश्योरेंस लेते समय, जीवन बीमा की पॉलिसी लेते समय नॉमिनी की जरूरत होती है. यहां आप एक से ज्यादा नॉमिनी रख सकते हैं. आप अपने माता/पिता, जीवन साथी या बच्चों को नॉमिनी बना सकते हैं.
जीवन बीमा में कानूनी वारिस को ही नॉमिनी बनाना बेहतर होता है.
बैंक में खाता खोलते समय, बैंक अकाउंट खोलते समय आप रिश्तेदार या दोस्त को भी नॉमिनी बना सकते हैं. नॉमिनी जरूरी नहीं कि कोई कानूनी वारिस ही हो. किसी एक व्यक्ति को ही नॉमिनी बना सकते हैं.
ज्वाइंट अकाउंट में रकम दूसरे होल्डर को पहले और उसके बाद नॉमिनी को मिलती है.
निवेश करते समय, फिक्स्ड डिपोजिट करते समय या कहीं और निवेश करते समय नॉमिनी बनाना जरूरी है. यहां आप सिर्फ एक व्यक्ति को ही नॉमिनी बना सकते हैं. डीमैट अकाउंट में मल्टिपल नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं. यहां नॉमिनी सिर्फ केयरटेकर नहीं, बल्कि मालिक भी होता है. नॉमिनी को कानूनी वारिस को शेयर्स ट्रांसफर नहीं करने होते.
म्यूचुअल फंड में आप एक से ज्यादा नॉमिनी बना सकते हैं. चाहें तो उनके लिए शेयर्स भी बांट सकते हैं. अगर एक नॉमिनी को ज्यादा हिस्सा देना है तो फॉर्म में उसका उल्लेख करना होता है.
प्रॉपर्टी के लिए नॉमिनी नियुक्त करने के लिए वसीयत और सक्सेशन लॉ काम करते हैं. प्रॉपर्टी में नॉमिनी की कोई ख़ास भूमिका नहीं होती. फ्लैट में रहते हैं तो नॉमिनी नियुक्त करना जरूरी है.
#4
नॉमिनी के नियम
नॉमिनी नाबालिग तो गार्जियन नियुक्त करना जरूरी.
- एक से ज्यादा नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं.
- नॉमिनी को कई बार बदल सकते हैं.
- नॉमिनी हमेशा संपत्ति का हकदार नहीं.
- नॉमिनी बनाने पर भी वसीयत बनाना जरूरी.
- नॉमिनी है पर वसियत नहीं तो संपत्ति का बंटवारा कानून के हिसाब से.
#5
कानूनी सबूत जरूरी.
कानूनी सबूत में सक्सेशन सर्टिफिकेट, वसीयत, प्रशासनिक पत्र शामिल.
- जहां नॉमिनेशन और क्लेम रकम 5 लाख से कम,
- वहां कानूनी वारिस 6 महीने के बाद क्लेम सबमिट कर सकते हैं.
- 7 साल से ज्यादा लापता डिपॉजिटर मृत माना जाएगा, क्लेम नियमानुसार.
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.