पुलिस कस्टडी और ज्यूडिशियल कस्टडी में क्या अंतर होता है ? #1 पुलिस कस्टडी तथा ज्यूडिशियल कस्टडी दोनों में संदिग्ध व्यक्ति को कानून की हिरासत में रखा जाता है. इन दोनों का एक ही उद्येश्य है समाज में अपराध को कम करना. आइये जानते हैं कि इन दोनों शब्दों में क्या अंतर है. किसी आरोपी व्यक्ति को पुलिस कस्टडी और ज्यूडिशियल कस्टडी में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता ( CRPC) के नियमों के हिसाब से रखा जाता है. पुलिस कस्टडी तथा ज्यूडिशियल कस्टडी दोनों में संदिग्ध को कानून की हिरासत में रखा जाता है. दोनों प्रकार की कस्टडी का उद्येश्य व्यक्ति को अपराध करने से रोकना होता है. जब भी पुलिस किसी व्यक्ति को हिरासत में लेती है तो वह अपने जांच को आगे बढ़ाने के लिए CrPC की धारा 167 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट से 15 दिन तक के लिए हिरासत में रखने का समय मांग सकती है. एक न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी भी व्यक्ति को 15 दिनों तक किसी भी तरह के हिरासत में भेज सकता है. लेकिन कुछ ऐसे कानून होते हैं जिनके तहत पुलिस किसी आरोपी को 30 दिनों तक भी पुलिस कस्टडी में रख स...
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