पुश्तैनी Property और हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम @ यदि किसी को अपने पिता से कोई संपत्ति उत्तराधिकार में प्राप्त होती है तो वह पैतृक संपत्ति है , क्या ? । @परंपरागत हिन्दू विधि में यह सिद्धान्त था कि यदि किसी पुरुष को अपने पिता , दादा या परदादा से उत्तराधिकार में संपत्ति प्राप्त हो तो वह उस की स्वयं की संपत्ति नहीं होगी अपितु एक पुश्तैनी जायदाद होगी। जिस में उस के चार पीढ़ी तक के वंशजों का समान हिस्सा होगा। ऐसी संपत्ति सहदायिक संपत्ति कही जाती है। @लेकिन 17 जून 1956 को हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रभावी होते ही यह स्थिति परिवर्तित हो गई। इस अधिनियम की धारा 8 में प्रावधान किया गया कि किसी पुरुष की संपत्ति का उत्तराधिकार किसे प्राप्त होगा। अब पुत्रों , पुत्रियों , पत्नी और माता को पुरुष की संपत्ति में समान हिस्सा उत्तराधिकार में प्राप्त होता है। जो हिस्सा जिसे प्राप्त होता है उस पर उसी का अधिकार होता है उस के पुरुष व...
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