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एक राज्य का हाईकोर्ट दूसरे हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में दर्ज मामले के संबंध में ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्टधारा 438 CRPC

धारा 438 सीआरपीसी | एक राज्य का हाईकोर्ट दूसरे हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में दर्ज मामले के संबंध में ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने  फैसला सुनाया कि ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने में हाईकोर्ट की ओर से कोई बंधन नहीं है, ताकि आवेदक उच्च न्यायालयों सहित न्यायालयों का दरवाजा खटखटा सकें जहाँ अपराध का आरोप लगाया गया है और मामला दर्ज किया गया है। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि केवल तथ्य यह है कि आरोपी को ट्रांजिट जमानत दी गई है, इसका मतलब यह नहीं है कि अदालत ऐसी ट्रांजिट जमानत को अग्रिम जमानत में बदल देगी। न्यायमूर्ति की पीठ आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत दर्ज मामले में दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। आवेदक के वकील  ने प्रस्तुत किया कि आवेदक उत्तर प्रदेश का एक प्रतिष्ठित व्यवसायी है जो सुरक्षा उत्पादों का काम करता है, इसलिए, आवेदक को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी जा सकती है। पीठ के समक्ष विचार का मुद्दा था: क्या आवेदक को अग्रिम जमानत दी जा सकती है या नहीं? पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद, अदालत ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो नि...