संपत्ति विवाद का मुकदमा 65 साल के बाद निपटा , जानें क्या है पूरा मामला ( Property dispute case settled after 65 years know what is the whole matter) -------- #1 कहावत है कि ‘ जहां चाह है वहां राह है ’, लेकिन कानून की दुनिया में जहां विल (वसीयत) है , वहां मुकदमा है। यह बात मद्रास के एक मामले में सही साबित हुई। जहां वसीयत के कारण 65 साल तक मुकदमा चला और अन्ततः सुप्रीम कोर्ट ने इसे शुक्रवार को विराम दे दिया। मामला 1955 में शुरू हुआ था। लक्षमीया और रंगा नायडू आरवी नायडू के बेटे थे। रंगा की कोई संतान नहीं थी , जबकि लक्षमीया के चार पुत्र थे। रंगा के निधन के बाद परिवार में विवाद शुरू हुआ। भतीजों ने रंगा की पत्नी के खिलाफ जमीन के कब्जे के लिए सीआरपीसी की धारा 148 ( विल के आधार पर बंटवारा) के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अर्जी दी। लखमिया ने भी पुत्रों के खिलाफ अर्जी दाखिल की। पुत्रों का कहना था कि चाचा मरने पहले वसीयत उनके लिए कर गए हैं कि जमीन उनकी रहेगी। ...
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