हिन्दू विवाह अधिनियम - धारा 9, दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन विवरण:- जबकि पति या पत्नी में से किसी ने युक्तियुक्त प्रतिहेतु के बिना दूसरे से अपना साहचर्य प्रत्याहत कर लिया है , तब परिवेदित पक्षकार दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिये याचिका द्वारा आवेदन जिला न्यायालय में कर सकेगा और न्यायालय ऐसी याचिका में किये गये कथनों की सत्यता के बारे में और बात के बारे में आवेदन मंजूर करने का कोई वैध आधार नहीं है ; अपना समाधान हो जाने पर तदनुसार दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए आज्ञप्ति देगा। स्पष्टीकरण - यहाँ प्रश्न यह उठता है कि क्या साहचर्य से प्रत्याहरण के लिए युक्तियुक्त प्रतिहेतु है , वहाँ युक्तियुक्त प्रतिहेतु साबित करने का भार उस व्यक्ति पर होगा जिसने साहचर्य से प्रत्याहरण किया है। @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
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