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अब घर खरीदार ,रियल इस्टेट (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2016 (रेरा )के साथ Consumer Forum.भी जा सकता है,

 अब घर खरीदार ,रियल इस्टेट (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2016  (रेरा )के  साथ Consumer Forum.भी जा सकता है, - सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

 


        #1    

 

                घर खरीदारों के हित में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला 


दिया   है कोर्ट  ने कहा है कि आवास संबंधी समस्याओं के 


लिए घर  खरीदार  बिल्डर के  खिलाफ रेरा के साथ-साथ उपभोक्ता 


अदालत में भी  शिकायत कर  सकता है कोर्ट ने कहा कि रेरा की 


धारा 79 यह नहीं  कहती कि आवंटी  उपभोक्ता अदालत में नहीं जा 


सकता ये उपभोक्ता  अदालत में आवंटी  की शिकायत सुनने से 


नहीं  रोकती


#2

           
मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मुद्दा था कि क्या रियल इस्टेट 


(डेवलपमेंट  एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2016 (रेरा) के लागू होने के बाद घर 


खरीदार प्रस्तावित  आवास योजना के खिलाफ उपभोक्ता कानून, 1986 के 


तहत शिकायतें सुनी  जा सकती हैं हाईकोर्ट ने कहा कि बिल्डर की 


खिलाफ कार्यवाही रेरा और  उपभोक्ता कानून के तहत एक साथ चलाई 


जा  सकती हैं

 

#3

बिल्डर ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में  

 

जस्टिस की पीठ ने कहा कि हाल ही में इंपीरिया स्ट्रक्चर बनाम अनिल 


पाटनी  मामले में सर्वोच्च अदालत ने निर्णय दिया था कि रेरा और 


उपभोक्ता  कानून  एक दूसरे के पूरक हैं रेरा की धारा 79 उपभोक्ता 


अदालत या आयोग को  आवंटी की शिकायतें सुनने से प्रतिबंधित नहीं 


करती

 

#4

 कोर्ट ने कहा कि रेरा कानून की धारा 18 में भी इस बारे में साफ है कि इसके  

 

तहत दी जाने वाली राहतें अन्य उपलब्ध राहतों से प्रभावित नहीं होंगी इस  

 

धारा से स्पष्ट है कि संसद की मंशा आवंटी को पर्याप्त विकल्प देने की है, वह  

 

चाहे तो रेरा में शिकायत करे या उपभोक्ता अदालत में

 

ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर की एसएलपी खारिज कर दी: बिल्डर ये  

 

कहते रहे हैं कि रेरा कानून बनने के बाद अन्य फोरम पर उनके मामले नहीं  

 

जाने चाहिए, क्योंकि रेरा विशेष कानून है, जो सिर्फ आवास योजनाओं को  

 

रेगुलेट करने के लिए बनाया गया है

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