विरासत की प्रॉपर्टी पर शादीशुदा बेटी का कितना अधिकार है?//पुरखों की प्रॉपर्टी पर शादीशुदा बेटी का अधिकार //हिंदू उत्तराधिकार कानून,2005
#1
विरासत की प्रॉपर्टी पर शादीशुदा बेटी का कितना अधिकार है?
2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 में बदलाव हुआ है. इसमें पैतृक प्रॉपर्टी में बेटियों को बराबर का हिस्सा दिया गया है.
#2
माता-पिता को गुजरे सात साल बीत चुके हैं. कि क्या विरासत की प्रॉपर्टी पर शादीशुदा बेटी का कानूनी हक होता है? खासतौर से यह देखते हुए कि माता-पिता का निधन कई साल पहले हो चुका है.
#3
2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 में बदलाव हुआ है. इसमें पैतृक प्रॉपर्टी में बेटियों को बराबर का हिस्सा दिया गया है. विरासत की प्रॉपर्टी के मामले में अब बेटी का भी जन्म से हिस्सा बन जाता है. वहीं, खुद खरीदी गई प्रॉपर्टी वसीयत के अनुसार बांटी जाती है.
अगर पिता का निधन बिना वसीयत के हो जाता है तो पैतृक और पिता की प्रॉपर्टी पर बेटी का बेटे जितना अधिकार होता है.
#4
इस मामले में बेटी के शादीशुदा होने से कोई लेनादेना नहीं है. शादीशुदा बेटी का कुंवारी बेटी जितना ही अधिकार है. यहां एक बात जरूर ध्यान देने वाली है. वहीं, पिता की खुद से खरीदी गई प्रॉपर्टी वसीयत के हिसाब से बंटेगी.
यदि पिता की मौत 2005 के बाद हुई है तो पुरखों की प्रॉपर्टी पर बेटी का दावा करने का पूरा हक बनता है. उत्तराधिकार का हक कभी खत्म नहीं होता है. फिर समय कितना भी बीत चुका हो.
#5
इस तरह बतौर कानूनी वारिस प्रॉपर्टी में अपने हक के लिए कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर सकती हैं. फिर भले उनके माता-पिता को गुजरे सात साल हो चुके हैं.
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